हिचकियाँ मेरी गवाह हैं, नींदें उसकी भी तबाह हैं

1.

2.

अपनी जिन्दगी का अलग उसूल है, प्यार की खातिर तो कांटे भी कबूल है, हँस के चल दूँ काँच के टुकडो पर, अगर तू कह दे ये मेरे बिछाये हुए फूल है

3.

खुदा करे, सलामत रहें दोनों हमेशा, एक तुम और दूसरा मुस्कुराना तुम्हारा

4.

मैंने कब तुमसे मुलाकात का वादा चाहा, मैंने दूर रहकर भी तुम्हें हद से ज्यादा चाहा

5.

न जाने किस तरह का इश्क कर रहे हैं हम, जिसके हो नहीं सकते उसी के हो रहे हैं हम

6.

छुपाने लगा हूँ आजकल कुछ राज अपने आप से, सुना है कुछ लोग मुझको मुझसे ज्यादा जानने लगे हैं

7.

किसी से प्यार करो और तजुर्बा कर लो, ये रोग ऐसा है जिसमें दवा नहीं लगती

8.

नाम देने से कौन से रिश्ते सँवर जाते हैं, जहाँ रूह न बँधे दिल बिखर जाते हैं

9.

इश्क को भी आधार से जोड़ दें जनाब, जिन्हें मिल गया है दोबारा न मिले

10.

आरजू थी तुम्हारी तलब बनने की, मलाल ये है कि तुम्हारी लत लग गई